Chhava Prakaran 15 (Chhava)

· Chhava पुस्तक 15 · Storyside IN · Uday Sabnis की आवाज़ में
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छावा प्रकरण १५ संभाजींना रायगडावर जायची इच्छा होत नाही. पुरंदरावर त्यांचा झालेला जन्म, पन्ह्याळ्यावर झालेला विषप्रयोग, धाराउने केलेली माया, गेलेली संपूर्ण हयात त्यांना आठवते. येसूबाई कवी कुलेशाना रणचंडीच्या यज्ञा बद्दल जाब विचारते. इथे मुघल सैन्य नाशकांपर्यंत धडक देते.हळू हळू खानाचं साम्राज्य वाढत जात. शंभूना धाराउची प्रचंड याद येते. त्यांच्या छत्रीला भेट देण्यासाठी ते कापूरहोळाला निघून जातात. गणोजी शिर्के व पिलाजी शिर्के यांना संभाजीच्या कर्तृत्वाचा प्रचंड राग येतो.

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