इस जनोपयोगी पुस्तक में प्लास्टिक का ऐतिहासिक परिदृश्य, वर्गीकरण, विविध उपयोग, उत्पादन विधियाँ, प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, जैव अपघटनीय या बायो प्लास्टिक, प्लास्टिक पुनर्चक्रण, अधिनियम एवं प्लास्टिक कचरे का सदुपयोग आदि महत्वपूर्ण विषयों पर सरल एवं बोधगम्य हिन्दी भाषा में अनेक श्वेत-श्याम एवं रंगीन चित्रों के माध्यम से जानकारी प्रदान करवाने का सुप्रयास किया गया है। आशा है सुधी पाठक इससे लाभान्वित होंगे।।
डाॅ. दुर्गादत्त ओझा विगत चार दशक से हिन्दी में विज्ञान लोकप्रियकरण में रत डाॅ. ओझा ने विज्ञान के विभिन्न विषयों पर हिन्दी में 56 पुस्तकें प्रकाशित कर कीर्तिमान स्थापित किया है। डाॅ. ओझा की विज्ञान लोकप्रियकरण में उच्च स्तरीय एवं उत्कृष्ट सेवाओं हेतु उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानोपाधियों से नवाजा गया है। जिसमें महामहिम राष्ट्रपति से डाॅ. आत्मानन्द पुरस्कार एवं राजभाषा गौरव पुरस्कार भी सम्मिलित हैं।