किसी भी राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास के लिए ऊर्जा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत ही किसी भी राष्ट्र की प्रगति का सूचकांक होता है। आज मानव समाज ऊर्जा, विकास तथा पर्यावरण प्रदूषण के त्रिकोण से टकरा रहा है। किसी भी विकसित या विकासशील राष्ट्र के लिए विकास की गति को बनाए रखने के लिए ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा, जिससे पर्यावरण में संतुलन कायम रह सके। इस दिशा में ऊर्जा के विकल्प के रूप में अपार ऊर्जा स्रोतों, जो चिरकालीन रहेंगे का दोहन एवं विकास समय की मांग के अनुरूप है। अपार ऊर्जा पुस्तक में ऊर्जा के समस्त नवीकरणीय स्त्रोतों, यथा - सौर, पवन, भू-तापीय, अपशिष्ट, बायोमास, बायोगैस, सागर, ज्वारीय, लहरीय, गैस हाइड्रेट, परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोजन तथा ऊर्जा संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अत्यन्त ही सरल बोधगम्य एवं सचित्र जानकारी प्रदान की गई है। आशा है पुस्तक में प्रदत्त जानकारी प्रबुद्ध पाठकों को लाभप्रद जानकारी प्रदान करेगी।