इ रचना आबइ के पहिले परु साल "बघेली छंद विधान" ब्याकारनिक किताबि परकासित होइ चुकी हबइ। अब इ दूसर मउलिक बघेली रचना माहीं , बाल कबितन केर संगरह हमैं। आपन घूंटी केर बोली महतारी अस बहुत पिआर बोली होति हबै। उहौ जब लरिकन गदेलन केरि किताबि होइ त अउर मोहकि अउ मन क गुदगुदाबै बाली होइ जाति हबै। इ कविता संगरह माहीं, बघेली बाल मुक्तक, बघेली बाल गीतिका, बघेली बाल सबइया, बघेली आधुनिक बाल समाइक कबिता, बघेली बाल दोहे, बघेली गीति सहित लगभग 75 रचनन केर संगरह कीन ग हमां।रचना मन अउर आतमां की छुअइ वाली मनोरंजन कै साथइ साथ बाल मनोविज्ञान की बढ़ाबइ अउर निकही जानकारी देबाबइ बाली हमा। मेर मेर कइ छंदन पै आधारित छांदस, लइ, सुर, ताल बाली लगभग सबै कबिता लरिकन की मानसिकता कै अनुसार, छोट-छोट सब्दन की चुनि कइ बनाई गइ हमां। इ रचना संगरह अपने रिमहीं अउ बघेली समाजि कइ जरूरति अउर लरिकन कइ मन टटोहि के, ओनके सिच्छा बले जोड़इ खातिन बहुतै उपजोगी होई। किताबि मांहीं मोहक अउर छोहगर कबिता लिखइ केर परयास कीन ग हबइ, जउने मा लरिका खेलिन खेलु मा बहुत कुछु सिखिउ पइहीं, अउर पढ़ाई लिखाई बले झुकाउ होई, अइसन पूर बिसुआस हबइ।
मां सरसती केर किरिपा, पुरखन केर असीस, बड़न केर आदर, मीतन अउर सहजोगिन कइ उसासी दिहे के बदउलति ई सरोकार केरि किताबि समाजि की परसित लाग हबइ, निसचित रूप से अपना पंचन केर आतमिक आदर मिली।
पोथी अपना पांच पढ़ी, लड़िकन के पढ़ाई, जउन बना नसान होइ, उहउ बताई, जउने अगले संसकरन माहीं सुधार कीन जाइ सकइ।
किताबि काहीं सजाबइ, सम्हारइ अउर परकासित करइ कराबइ खातिर परकासक आदरनीय जितेन्द्र जी केर आभार मानत, बघेली समाजि के लड़िकन खातिर ई कबिता संगरह "बघेली बाल रचनाएँ" हाजिर हबइ।
बरेण्य साहित्यकार कमलापति गौतम हिंदी अउर बघेली के मेर-मेर छंदन माहीं आधारित रचना केर सरजक हमां । मुक्तक, गीतिका, गीति, दोहा, सोरठा, सवैया, घनाक्षरी, कुंडलिया, इत्यादि मातरिक अउर वरनिक छंदन माहीं सिलिप बद्ध अउर भाउपरक रचना लिखत हमां। कृतिकार कमलापति गौतम के “बघेली छंद विधान” अउर “बघेली बाल रचनाएं” सहित कुल सात मौलिक रचना अउर “विन्ध्य के कलमकार” सहित 12 साझा काव्य संग्रह प्रकाशित होइ चुके हमां। देस कइ अनेक नाम जादिक पटलन से काव्य कै मेर मेर बिधन में अनेक पुरस्कारन से पुरस्कृत होइ चुके हमां। “कोरोना कहर” अउर “बघेली छंद विधान” पर इंडियन टॉप 100 एवार्ड जीति चुका हमां। “दस्तक प्रभात” समाचार पत्र पटना की दैनिक समाचार पत्र में नियमित साहित्य साधना करत हमां। प्रदेश अउ देश के अनेक पत्र-पत्रिकन माहीं रचना छपति रहति हमा। कमलापति गौतम ‘गौतम कमल’ वर्तमान में उच्च माध्यमिक शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कमर्जी में पदस्थ हमां। वर्तमान में अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जिला इकाई सीधी के अध्यक्ष की पद पर हमां। हिंदी साहित्यांगन मुक्तक लोक लखनऊ केर एडमिन सदस्यउ हमां। नवसृजन साहित्य संवर्धन समिति लौआ, जिला सीधी, मध्य प्रदेश साहित्य पटल केर साहित्य प्रभारी हमा। “बघेली बाल रचनाएं” कमलापति गौतम केरि सतमी रचना आइ, जउने माहीं लरिकन के अनुरुप मनोरंजक अउर ज्ञान बरधक लगभग पचहत्तरि रचना हमा। कमलापति ‘गौतम कमल’ केर निवास मुकाम लौआ, जिला सीधी, मध्य प्रदेश आइ।
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