अकसर हम कहते हैं कि महान् व्यक्तियों का नाम ही काफी है उनकी पहचान के लिए; लेकिन एक ऐसा शख्स, जिसका चेहरा ही काफी है उसके नाम के लिए। कितने विज्ञापनों और कितने वीडियोज में लोग बिना नाम जाने जिनके साहस की मिसाल देते हैं, वही हैं—निक वुजिसिस। निक वुजिसिस अन्य बच्चों की तरह स्वस्थ थे, लेकिन उनमें एक कमी थी। वे 'फोकोमीलिया' नाम के शारीरिक विकार के साथ पैदा हुए थे, जिसके कारण उनके दोनों हाथ-पैर बचपन से ही नहीं थे। इतनी बड़ी अपंगता के बावजूद कोई मुसकरा भर दे तो वह भी एक उपलब्धि बन जाती है; लेकिन निक न केवल मुसकराते हैं, बल्कि आज वे एक सफल मोटीवेटर हैं और आठ किताबें लिख चुके हैं।