Krantijyoti Savitribai Phule

· Storyside IN · Sai Limayeৰ দ্বাৰা বর্ণিত
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सावित्रीबाई फुले या भारताच्या प्रथम महिला शिक्षीकाच नव्हें तर त्या एक उत्तम कवियित्री, अध्यापिका, समाजसेविका आणि पहिली विद्याग्रहण करणारी महिला देखील आहेत.या व्यतिरीक्त त्यांना महिलांच्या मुक्तिदाता देखील म्हंटल्या जातं. त्यांनी आपले संपुर्ण आयुष्य महिलांना शिक्षीत करण्याकरता आणि त्यांना त्यांचा हक्क मिळवुन देण्याकरता खर्ची घातले.सावित्रीबाईंनी 1848 साली, शिक्षणाचे माहेर घर असे ज्याला आपण म्हणतो त्या पुण्यात पहिली मुलींची शाळा सुरू केली. पती महात्मा ज्योतिबा फुले यांच्या मदतीने त्यांना सतत पुढे जाण्याकरता प्रेरणा मिळत होती,ते त्यांचे फक्त पती नव्हते तर एक चांगले गुरू व संरक्षक देखील होते. सावित्रीबाईंच्या कार्याचे ते सतत कौतुक करून त्यांचा उत्साह वाढवित असत.

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