एक कार्यकुशल शासन और सुचारू रूप से नियामक मुक्त बाजार से परे ‘मोदीत्व’ हमारे जैसे विस्तृत रूप से कृषि प्रधान देश में जिस तरह से खेती की जाती है, उसे पुन: क्रियाशील बनाने और उस पर पुन: विचार करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है।
शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की दोहरी समस्याएँ, जो गंभीरता से भारत की प्रगति को अवरुद्ध कर रही हैं, ‘मोदीत्व’ नीति प्रतिपादन पर एक भिन्न सोच प्रस्तुत करता है।
‘मोदीत्व’ धर्मनिरपेक्षता को भी परिभाषित करता है, यह एक ऐसा शब्द है, जिसका राजनैतिक फायदों के लिए व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जाता रहा है। ‘मोदीत्व’ धर्मनिरपेक्षता की मूल व्याख्या पर लौटने का आह्वान करता है, जो भारत की वास्तविक विचारधारा में समाहित है।
‘मोदीत्व’ की सोच वास्तविक वृद्धि, सर्वांगीण विकास व सामाजिक सामंजस्य में विश्वास करती