Surbhi Kavya ki abhivyakti/ सुरभि काव्य की अभिव्यक्ति

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About this ebook

“सुरभि - काव्य की अभिव्यक्ति “ एक डुएट पुस्तक है जिसमें दो लेखकों ने समान रुप से अपनी सहभागिता दी है। यह पुस्तक भाव और अभिवयक्ति से परिपूर्ण है । जैसे की नाम से ही पता चल रहा है। इसके मन की अनुभूतियों को काव्य रूप में प्रस्तुत किया गया है। एकल पुस्तक के साथ-साथ दो लेखकों का सांझा संकलन बहुत ही अच्छा प्रयास है निसंदेह यह प्रयास सराहना के योग्य है।


साहित्य के क्षेत्र में यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है डुएट पुस्तक की सबसे अधिक आकर्षित करने वाली बात यह है कि इसमें पाठकों की रोचकता बनी रहती है । इसलिए पाठक डुएट पुस्तक का भरपूर आनंद उठाते है आशा है कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आएगा ।


Ratings and reviews

4.7
15 reviews
Lalit shrivastava shabdvanshi
June 7, 2023
This is a wonderful book of poems, the expression of deep feelings and emotions is attractive, I liked this book very much❤❤
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Shivam Mishra
July 15, 2023
Wonderful book !! Must read .....atleast once in life ...!!
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Abhishek Vision
June 7, 2023
A wonderful book.... congratulations 👏🎉🎉
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About the author

सुरंगमा


संक्षिप्त परिचय—

नाम- सुरंगमा

पिता - श्री सुभाष चंद

माता- श्रीमती चन्द्रलता वर्मा

पति -शशि प्रकाश

जन्मभूमि - वाराणसी, उत्तर प्रदेश

निवास स्थान - अहमदाबाद, गुजरात

मैं सुरंगमा, एक गृहिणी होने के साथ विभिन्न प्रकाशन गृहों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हूँ । मैं सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल हूँ। मुझे पढ़ना लिखना, यात्रा करना और दोस्त बनाना पसंद है। लेखन के प्रति मेरा प्रेम अपार है। मैं जीवन के प्रवाह के साथ चलती हूँ और मुक्त छंद के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती हूँ । मैंने अब तक 100 से अधिक संकलनों का सह-लेखन किया है और 8 संकलन संकलित किए हूँ। मुझे काल्पनिक कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है। एक लेखक के रूप में, मैं शब्दों के जादू में दृढ़ विश्वास रखती हूँ। मुझे लेखन में अपने काम के साथ-साथ कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यों के लिए पुरस्कार और प्रशंसा मिली है। मैं एक अंतर्मुखी हूं लेकिन शब्दों के साथ अभिव्यक्तिपूर्ण हूं।


अभिषेक मिश्रा


अभिषेक मिश्रा मूलरूप से उत्तरप्रदेश के जौनपुर से हैं ये अपने माता पिता के साथ मुम्बई में रहते हैं । इनका जन्म 20 फरवरी 1996 में , जौनपुर के मईडीह नामक गाँव में हुआ था ।2019 में इनका बी एस सी मुम्बई विश्वविद्यालय से पूरा हुआ ।इनको लिखने के साथ साथ पंछियों को देखना क्रिकेट खेलना इत्यादि में विशेष रुचि हैं । इनका घर का नाम शुभम भी हैं इनको अलग अलग विषयों पर लिखना पसंद हैं । अब तक इन्होंने 70 से भी ज्यादा सह पुस्तक में सह लेखक की भूमिका निभा चुके हैं ...इसके अलावा इन्होंने एक उपन्यास भी लिख रखा हैं ,जिसका नाम कहानी उन दिनों की हैं ,और ये अपना एक और उपन्यास लिख रहें हैं जो की कुछ महीनों में आप के लिए उपलब्ध होंगी , लिखने में रुचि इनको इनके दादा जी से आया इनके दादा जी जौनपुर के स्वामी विवेकानंद, नामक इंटर कॉलेज में हिंदी के अध्यापक हुआ करते थे । सन 2004 में वो रिटायर हुए और तब अभिषेक जी बाल्यावस्था में थे और तब से ही उन्होंने अपने दादा जी को कविता बोलते हुए और बातों ही बातों में उनका प्रयोग करते सुना और देखा हैं । धीरे -धीरे ये सब देखते और सुनते अभिषेक को भी कविताओं में विशेष रुचि होने लगा । दशवीं के परीक्षा के बाद से ही इन्होंने सुमित्रा नन्दन पन्त , रामधारी सिंह दिनकर जी , निराला जी इत्यादि की कुछ कविताएं जो पाठ्क्रम में थी वो पढ़ा । इसके साथ - साथ इनको कहानियों को पढ़ने का काफी पसंद हैं । ख़ासकर के प्रेमचंद द्वारा रचित ।







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