साझा संकलन
किताबों की गली प्रकाशन
श्रेय (Credits):
संकलन में योगदान देने वाले कवि एवं लेखकों की सूची:
Navratana
Udnik Singh
Nikhil Pandey
Tarnee Verma
Pradyuman Sharma
Aarti Kashyap
Sandeep Pathar
Shivam Mishr Yayawar
Vishesh Baghel
Govind Yadav
Jashn Sandhu
प्रकाशन:
Kitabon ki Gali Publication
📧 Email: [email protected]
📞 Phone: 8815580004
संपादन व संकलन समन्वय:
टीम – किताबों की गली
(विशेष आभार Dilip Narvariya व Aman Singh को, रचनाकारों को एक मंच पर लाने के लिए)
डिज़ाइन एवं पुस्तक कवर:
Kitabon ki Gali Creative Team
Typesetting & Formatting:
Editorial & DTP Unit – Kitabon ki Gali
Printing & Distribution Support:
DP Press Etawah, U.P. Unit – KKG Distribution Team
प्रचार एवं प्रसार:
Social Media Team – Kitabon ki Gali
विशेष धन्यवाद:
हमारे पाठकों और उन सभी साहित्य प्रेमियों को, जिनके बिना यह यात्रा अधूरी होती।
प्रस्तावना (Preface):
"कलम के रंग – साझा संकलन" एक भावनात्मक यात्रा है, जिसमें दस रचनाकारों ने अपने अनुभव, संवेदनाएँ और सोच को शब्दों के रंगों में ढाला है। यह पुस्तक केवल कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि उन दिलों की धड़कन है जो समाज, प्रेम, संघर्ष, आत्मा, प्रकृति और समय के विभिन्न रंगों से होकर गुजरे हैं।
इस साझा संकलन का उद्देश्य केवल शब्दों को सजाना नहीं, बल्कि पाठकों के मन को छू जाना है। इसमें युवा रचनाकारों की आवाज़ें हैं, जिनके पास कहने को बहुत कुछ है और जो आने वाले साहित्यिक भविष्य के स्तंभ हैं। यह किताब न केवल कविता प्रेमियों के लिए एक उपहार है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपनी ‘कलम’ से दुनिया को बदलना चाहते हैं।
आभार (Acknowledgment):
इस साझा संकलन को संभव बनाने में कई सहयोगियों और साहित्य प्रेमियों का योगदान रहा है। हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं:
प्रकाशक ‘Kitabon ki Gali Publication’ का, जिनके मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग से यह पुस्तक आकार ले सकी।
हमारे संपादकगण और डिज़ाइन टीम का, जिन्होंने शब्दों को संवारा और कवर को जीवंत बनाया।
सभी लेखकों का, जिन्होंने अपने मन के भावों को साझा करने का साहस और समर्पण दिखाया।
हमारे पाठकों का, जिनकी उत्सुकता और प्रेम ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है।
समर्पण (Dedication):
यह पुस्तक उन सभी कवियों, साहित्यप्रेमियों और पाठकों को समर्पित है:
जो शब्दों से सपने बुनते हैं,
जो चुपचाप दिल की बातें कलम से कहते हैं,
और उन अनकहे जज़्बातों को जीवित रखते हैं, जिनमें इंसानियत की महक है।