Samiksha Ka Yatharth: Articles

· Uttkarsh Prakashan
5.0
2 समीक्षाएं
ई-बुक
128
पेज
रेटिंग और समीक्षाओं की पुष्टि नहीं हुई है  ज़्यादा जानें

इस ई-बुक के बारे में जानकारी

प्रस्तुत पुस्तक ‘समीक्षा का यथार्थ’ अपने मूल स्वरूप में संत-साहित्य एवं भारतीय समाज को गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मध्यकाल के प्रमुख संतों एवं कवियों के आदर्शों तथा शिक्षाओं पर आधारित है । पुस्तक के महत्वपूर्ण अध्याय: प्रारम्भ से पहले, संत साहित्य की सामाजिक आवशकता, कबीर की समझ और भारतीय समाज , संत रविदास की दार्शनिकता, संत रविदास: समय, समाज और समझ, संत सुन्दरदास: सामाजिक सन्दर्भ और काव्य, विश्व कवि तुलसीदास: समझ और सार्थकता, संतकवि रविदास की वाणी में वर्तमानता, संत दादूदयाल की वाणी: समय और समाज, महामति प्राणनाथ की सामाजिक चेतना, तुलसी की व्यापक दृष्टि: राम रूप दूसर नहिं देखा, संकटों के दौर में ‘आधुनिक सन्दर्भों में कबीर’, समय, समाज और संत साहित्य का यथार्थ: साक्षात्कार

रेटिंग और समीक्षाएं

5.0
2 समीक्षाएं

इस ई-बुक को रेटिंग दें

हमें अपनी राय बताएं.

पठन जानकारी

स्मार्टफ़ोन और टैबलेट
Android और iPad/iPhone के लिए Google Play किताबें ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करें. यह आपके खाते के साथ अपने आप सिंक हो जाता है और आपको कहीं भी ऑनलाइन या ऑफ़लाइन पढ़ने की सुविधा देता है.
लैपटॉप और कंप्यूटर
आप अपने कंप्यूटर के वेब ब्राउज़र का उपयोग करके Google Play पर खरीदी गई ऑडियो किताबें सुन सकते हैं.
eReaders और अन्य डिवाइस
Kobo ई-रीडर जैसी ई-इंक डिवाइसों पर कुछ पढ़ने के लिए, आपको फ़ाइल डाउनलोड करके उसे अपने डिवाइस पर ट्रांसफ़र करना होगा. ई-रीडर पर काम करने वाली फ़ाइलों को ई-रीडर पर ट्रांसफ़र करने के लिए, सहायता केंद्र के निर्देशों का पालन करें.