Rehmat-A-Darshan

· Uttkarsh Prakashan
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Um þessa rafbók

रहमत ए दर्शन उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित लखनऊ निवासी विख्यात शायर श्री मनमोहन सिंह भाटिया उर्फ़ दर्द लखनवी की तीसरी पुस्तक है इससे पूर्व उनकी दो पुस्तकें ‘खुशबू ए दर्शन’ और ‘अता ए दर्शन’ उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं... वे उच्च कोटि के शायर हैं। इसके अलावा उनकी दो पुस्तकें गजल-संग्रह ‘दर्शन ए दर्शन’, और ‘महब्बत ए दर्शन’ भी प्रकाशित हैं । उनके इन काव्य संग्रहों को भरपूर प्रशंसा प्राप्त हुई है । भाटिया जी को अध्यात्म से गहरा लगाव है। उन्होंने महान संत दर्शन सिंह जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की है, जो सिद्ध सन्त और उच्च कोटि के शायर थे । उनका ग़ज़ल-संग्रह ‘मताये नूर’ बहुत चर्चित-प्रशंसित हुआ है । श्री मनमोहन सिंह भाटिया जी को प्रख्यात सन्त श्री राजिंदर सिंह जी का भी सानिध्य प्राप्त है । भाटिया जी के नवीनतम काव्य-संग्रह ‘रहमत-ए-दर्शन’ की पांडुलिपि को पढ़ने का सुयोग मुझे प्राप्त हुआ है । इस संग्रह में उनकी ग़ज़लें और गीत संग्रहीत हैं । भाटिया जी प्रेम के कवि हैं । उनके गीतों और ग़ज़लों में प्रेम बहुत शिद्दत से अभिव्यक्त हुआ है । उनका यह प्रेम लौकिक संसार से गुजरता हुआ पारलौकिक संसार में प्रवेश कर परमात्मा की प्रार्थना हो जाता है।

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