Ratan Tata: Ek Prakash Stambh

· Manjul Publishing
3,2
6 recenzija
E-knjiga
217
Broj stranica
Ocjene i recenzije nisu potvrđene  Saznajte više

O ovoj e-knjizi

भारतीय उद्योग के महानायक के मानवीय पहलुओं का कथाचित्र


मैंने उनसे कहा कि जब मैं किताब लिखूंगा तो वह केवल ऐतिहासिक घटनाओं या कारोबार के महत्त्वपूर्ण आयाम के संबंध में नहीं होगी। मैं आपके दूसरे पहलू को सामने लाना चाहूंगा। यह हम दोनों के और उस रोमांचक समय के बारे में होगी जो हम दोनों ने साथ में जिया है - जैसा मैंने उनको देखा, उनके जीवन के अलग-अलग रंग जिनसे दुनिया अपरिचित है। भारत के महान वज्र पुरुष का परदे के पीछे का जीवन। वह तैयार हो गए। ‘ऐसी कोई एक किताब नहीं हो सकती जिसमें सभी कुछ समा सके... तो आप अपना द़ृष्टिकोण इसमें रखें।’

दोनों के दिल में गली-सड़कों के बेसहारा कुत्तों को लेकर गहरी संवेदना थी जिसने बेमेल-सी दिखाई देने वाली दोस्ती को जन्म दिया। 2014 में बीस वर्ष से थो़डी ही बड़ी उम्र के ऑटोमोबाइल ड़िजाइन इंजीनियर शांतनु नायडू ने सड़कों पर रहने वाले बेसहारा कुत्तों को गाड़ियों द्वारा कुचले जाने से बचाने के लिए अनोखी पहल की। रतन टाटा ख़ुद भी इन बेसहारा कुत्तों के प्रति गहरी हमदर्दी के लिए जाने जाते हैं। शांतनु की अनोखी पहल से प्रभावित होकर उन्होंने न केवल इस परियोजना में निवेश किया बल्कि आगे चलकर वे इसके संरक्षक व प्रमुख बनने के साथ ही अप्रत्याशित रूप से शांतनु के प्रिय दोस्त भी बन गयह पुस्तक एक नौजवान और जीवन के आठ दशक पूरे कर चुके बुज़ुर्ग के बीच अनूठे रिश्ते का ईमानदार, सहज-सरल वृत्तान्त है जो भारतीयों के दिल में बसे महानायक के जीवन की एक झलक दिखाता है।ए।



Ocjene i recenzije

3,2
6 recenzija

O autoru

इंजीनियरिंग के दिनों में सामाजिक सरोकार के विषयों पर म्यूज़िक वीडियो तैयार करने वाले शांतनु नायडू ने ‘पॉज़ फ़ॉर अ कॉज’ वीडियो से पशुओं के कल्याण के क्षेत्र में क़दम रखते हुए अपने को स्थापित कर लिया। टाटा एलसी में ऑटोमोटिव डिजाइन इंजीनियर के रूप में काम करते हुए उन्होंने स्टार्ट अप मोटोपॉज़ बनाया, जिसने सड़कों पर भटकने वाले बेसहारा कुत्तों को रात में सड़क हादसों से बचाने के लिए उनके गलों में बांधने वाले अंधेरे में चमकने वाले कॉलर तैयार किए। श्री रतन टाटा ने इस उपक्रम में निवेशइथाका, न्यू यॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में एमबीए के दौरान एंटरप्रिन्यूरशिप की विशेष रूप से पढ़ार्इ करके लौटे शांतनु सहायक महाप्रबंधक के रूप में श्री टाटा के दफ़्तर से जुड़ गए। वह सामाजिक कल्याण के उपक्रमों, स्टार्ट-अप प्रस्तावों और सोशल मीडिया की गतिविधियों सहित रोज़ाना की दफ़्तर की गतिविधियों में उनकी सहायता करने श्री टाटा के दफ़्तर में काम करते हुए शांतनु ने देखा कि एंटरप्रेन्यूरशिप के संबंध में युवा छात्रों में समझ की कमी और डर है। इसे दूर करने के लिए उन्होंने एंटरप्रेन्यूरशिप पर एक ऑनलाइन कोर्स ‘ऑन योर स्पार्क्स’ आरंभ किया। इसमें वह कहानी-किस्सों के ज़रिये बुनियादी सिद्धांतों की सीख देने लगे। इससे होने वाली आय पशुओं के कल्याण के लिए ख़र्च की जाती है। उन्होंने ‘सायबर एड आर्मी’ नाम से एक संगठन भी बनाया है जो सायबर अपराधों के पीड़ितों की तकनीकी रूप से और परामर्श देकर नि:शुल्क मदद करता शांतनु अपना ज़्यादातर समय कुत्तों के साथ और छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद में बिताते हैं जिनके साथ वह नए बड़े आइडिया पर चर्चा करते हैं या बताते हैं कि उन्हें पाइना कोलाडस और मुंबर्इ कितना पसंद है।है।

लगे।

किया।


Ocijenite ovu e-knjigu

Recite nam šta mislite.

Informacije o čitanju

Pametni telefoni i tableti
Instalirajte aplikaciju Google Play Knjige za Android i iPad/iPhone uređaje. Aplikacija se automatski sinhronizira s vašim računom i omogućava vam čitanje na mreži ili van nje gdje god da se nalazite.
Laptopi i računari
Audio knjige koje su kupljene na Google Playu možete slušati pomoću web preglednika na vašem računaru.
Elektronički čitači i ostali uređaji
Da čitate na e-ink uređajima kao što su Kobo e-čitači, morat ćete preuzeti fajl i prenijeti ga na uređaj. Pratite detaljne upute Centra za pomoć da prenesete fajlove na podržane e-čitače.