दुर्गावत् तेजस्विनी दुर्गावती, चंदेल राजपूतों के वंशावतंस की वह अग्नि-शलाका जिसने अपने शूरतागर्भित बुद्धिचातुर्य से शेरशाह सूरी जैसे महापराक्रमी शासक को भी भस्मसात कर दिया था। जिसने चुगलों के बल पर शासन करने वाले बर्बर आक्रांता, मुगलों को, एक बार नहीं अनेक बार धूल चटायी थी। जिसको सूर्य ने तपन, अग्नि ने तेज, विद्युत ने तड़पन, श्री ने सौंदर्य, शशि ने शीतलता, मराल ने विवेक और स्वयं रुद्राणी ने ओज प्रदान किया था।
अकेले गोंडवान ही क्या, संपूर्ण भारत के इतिहास में दुर्गावती ही एकमात्र ऐसा नाम है, जिसे अकबर जैसे धूर्तों से लोहा लेने वाली ऐसी बला के रूप में जाना जाता है, जो पराक्रमी शूरवीरता की मशाल के साथ विकासोन्मुखी, संपन्न और समर्थ राज्य के शासनिक कौशल और प्रबंधपटुता की अक्षमालिका के रूप में भी सुमिरी जाती है।