Ramkatha Vyas-Parampara

· Vani Prakashan
4.0
4 അവലോകനങ്ങൾ
ഇ-ബുക്ക്
206
പേജുകൾ
റേറ്റിംഗുകളും റിവ്യൂകളും പരിശോധിച്ചുറപ്പിച്ചതല്ല  കൂടുതലറിയുക

ഈ ഇ-ബുക്കിനെക്കുറിച്ച്

व्यास-परम्परा के आदि उद्गम व्यास नामक ऋषि माने जाते हैं। इन्हीं व्यास ने अठारह पुराण और महाभारत जैसे ग्रन्थों की रचना की है। एक तरह से व्यास ने कथा-विस्तार में अनेक प्रकार के तत्त्व-विमर्श को सहज सुलभ कराया है। यह भी माना जाता है कि व्यास कोई व्यक्ति नहीं थे, बल्कि यह वाचिक परम्परा ही रही है, जो अपने-अपने स्तर पर विषयवस्तु के केन्द्रीय तत्त्व को निरन्तर विस्तारित-व्याख्यायित करती रही है। एक तरह से गणितीय भाषा में जिसे हम व्यास कहते हैं-वह केन्द्र की परिधि के अगणित बिन्दुओं को जोड़कर मानो केन्द्र का विस्तार करने वाली रेखा है, जो एक साथ चक्राकार परिधि के दो बिन्दुओं को स्पर्श करती रहती है। व्यास भी कुछ इसी तरह का न्याय अपनी विषयवस्तु के साथ करता है। व्यास के साथ श्रोता की भी अनिवार्यता है। व्यास श्रोता समूह को सम्बोधित कर अपनी विषयवस्तु का प्रतिपादन अनेक उद्धरणों के आलोक में करता है। कथाएँ अनेक हैं, किन्तु सर्वप्रचलित कथा के रूप में रामकथा का प्रचलन व्यापक स्तर पर है, गोस्वामी तुलसीदास ने इस कथा को कहने-सुनने वाली चार जोड़ियाँ प्रस्तुत की हैं। शंकर-पार्वती, काकभुसुंडि-गरुड़, याज्ञवल्क्य-भारद्वाज और तुलसी-सन्त! रामकथा सरोवर के ये चार घाट हैं। रामकथा अनेक तरह से कही-सुनी गयी है, किन्तु तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ की कथा जितनी प्रचलित हुई है उतनी अन्य कथाएँ नहीं! यही कारण है कि सम्पूर्ण विश्व में रामकथा का विवेचन व्यास-पीठ से अनेकानेक रूप में प्रस्तुत हो रहा है। हज़ारों कथावाचक इस व्यास-परम्परा में अपना योगदान कर रहे हैं। इन कथावाचकों का समग्र परिचय अभी तक अनुपलब्ध-सा था। समाज के बृहत्तर अंश को रामकथा से जोड़ने वाले उन कथावाचकों का एक समवेत परिचय इस पुस्तक के माध्यम से प्राप्त कराया जा रहा है। यद्यपि यह इस दिशा का प्रारम्भिक कार्य है, इसलिए इसमें संकलित कथावाचकों की सम्पूर्ण संख्या का दावा नहीं किया जा सकता है, किन्तु इसमें अनेक क्षेत्रों के कथावाचकों को सम्मिलित करने का प्रयास सम्भव हुआ है। जिन कथावाचकों ने रामकथा को व्यापक स्तर पर फैलाया है उनका किंचित विस्तार से विवेचन इस कृति में किया गया है। इसमें परिचय के मुख्य बिन्दुओं के साथ रामकथा के कहन और शैली का भी परिचय दिया गया है। अवश्य ही यह अपने तरह का रामकथा वाचकों का एक मिनी कोश जैसा है। इस ग्रन्थ की अपनी उपादेयता है

റേറ്റിംഗുകളും റിവ്യൂകളും

4.0
4 റിവ്യൂകൾ

ഈ ഇ-ബുക്ക് റേറ്റ് ചെയ്യുക

നിങ്ങളുടെ അഭിപ്രായം ഞങ്ങളെ അറിയിക്കുക.

വായനാ വിവരങ്ങൾ

സ്‌മാർട്ട്ഫോണുകളും ടാബ്‌ലെറ്റുകളും
Android, iPad/iPhone എന്നിവയ്ക്കായി Google Play ബുക്‌സ് ആപ്പ് ഇൻസ്‌റ്റാൾ ചെയ്യുക. ഇത് നിങ്ങളുടെ അക്കൗണ്ടുമായി സ്വയമേവ സമന്വയിപ്പിക്കപ്പെടുകയും, എവിടെ ആയിരുന്നാലും ഓൺലൈനിൽ അല്ലെങ്കിൽ ഓഫ്‌ലൈനിൽ വായിക്കാൻ നിങ്ങളെ അനുവദിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു.
ലാപ്ടോപ്പുകളും കമ്പ്യൂട്ടറുകളും
Google Play-യിൽ നിന്ന് വാങ്ങിയിട്ടുള്ള ഓഡിയോ ബുക്കുകൾ കമ്പ്യൂട്ടറിന്‍റെ വെബ് ബ്രൗസർ ഉപയോഗിച്ചുകൊണ്ട് വായിക്കാവുന്നതാണ്.
ഇ-റീഡറുകളും മറ്റ് ഉപകരണങ്ങളും
Kobo ഇ-റീഡറുകൾ പോലുള്ള ഇ-ഇങ്ക് ഉപകരണങ്ങളിൽ വായിക്കാൻ ഒരു ഫയൽ ഡൗൺലോഡ് ചെയ്ത് അത് നിങ്ങളുടെ ഉപകരണത്തിലേക്ക് കൈമാറേണ്ടതുണ്ട്. പിന്തുണയുള്ള ഇ-റീഡറുകളിലേക്ക് ഫയലുകൾ കൈമാറാൻ, സഹായ കേന്ദ്രത്തിലുള്ള വിശദമായ നിർദ്ദേശങ്ങൾ ഫോളോ ചെയ്യുക.

സമാനമായ ഇ-ബുക്കുകൾ