Prabhash Joshi: Prabhasha Joshi

· Prabhat Prakashan
५.०
१ समीक्षा
इ-पुस्तक
112
पृष्ठहरू
रेटिङ र रिभ्यूहरूको पुष्टि गरिएको हुँदैन  थप जान्नुहोस्

यो इ-पुस्तकका बारेमा

प्रभाष जोशी अंगे्रजी पत्रकारिता के वर्चस्व और प्रभुत्व से कभी प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने ‘जनसत्ता’ को ऐसी धार दी कि हिंदी का यह अखबार अंग्रेजी पत्रों पर भारी पड़ गया। वह देश भर के सोचने-विचारनेवाले और जनसाधारण् के प्रति संवेदनशील लेखकों-विचारकों का मंच बन गया। इसके माध्यम से उन्होंने समाज से जुड़े यथार्थ और ठोस मुद्दे उठाए। जन आंदोलनों को अखबार में महत्त्व दिया।

मूल्याङ्कन र समीक्षाहरू

५.०
१ समीक्षा

लेखकको बारेमा

Sant Sameer

जन्म : 10 जुलाई, 1970।

शिक्षा : समाजशास्‍‍त्र में स्नातकोत्तर।

प्रतिष्‍ठि समाजकर्मी संत समीर उन कुछ महत्त्वपूर्ण लोगों में से हैं, जिन्होंने स्वतंत्र भारत में पहली बार बहुराष्‍ट्रीय उपनिवेश के खिलाफ आवाज उठाते हुए अस्सी के दशक के उत्तरार्ध में स्वदेशी-स्वावलंबन का आंदोलन पुनः शुरू किया। समाजकर्म के ही समानांतर लेखन में भी उनकी सक्रियता बराबर बनी हुई है। संख्यात्मक रूप से कम लिखने के बावजूद आपकी लिखी कुछ पुस्तकें और आलेख खासे चर्चित रहे। हैं। कुछ लेखों की अनुगूँज संसद् और विधानसभाओं तक भी पहुँची है। वैकल्पिक चिकित्सा, समाज-व्यवस्था, भाषा, संस्कृति, अध्यात्म आदि आपकी रुचि के खास विषय रहे हैं।

वैकल्पिक पत्रकारिता की दृष्‍टि से नब्बे के दशक की प्रतिष्‍ठित फीचर सर्विस ‘स्वदेशी संवाद सेवा’ के आप संस्थापक संपादक रहे। बहुराष्‍ट्रीय उपनिवेशवाद, वैश्‍वीकरण, डब्ल्यूटीओ जैसे मुद‍्दों पर बहस की शुरुआत करनेवाली इलाहाबाद से प्रकाशित वैचारिक पत्रिका ‘नई आजादी उद‍्घोष’ के भी संपादक औ सलाहकार संपादक रहे। व्यावसायिक पत्रकारिता के तौर पर कुछ अखबारों व न्यूज एजेंसियों के लिए खबरनवीसी भी की। कुछ समय तक क्रॉनिकल समूह के पाक्षिक ‘प्रथम प्रवक्‍ता’ से जुडे़ रहने के बाद फिलहाल हिंदुस्तान टाइम्स समूह की मासिक पत्रिका ‘कादंबिनी’ से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा रेडियो लेखन और विभिन्न टी.वी. चैनलों के कार्यक्रमों में भी जब-तब आपकी सक्रियता बनी रहती है।

कृतियाँ : ‘सफल लेखन के सूत्र’ (1996), ‘स्वदेशी चिकित्सा’ (2001), ‘सौंदर्य निखार’ (2002), ‘स्वतंत्र भारत की हिंदी पत्रकारिता : इलाहाबाद जिला’ (शोध प्रबंध, 2007) ‘हिंदी की वर्तनी’ (2010), पत्रकारिता के युग निर्माता : प्रभाष जोशी (2010)।

संपर्क : सी-319/एफ-2, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2, साहिबाबाद, गाजियाबाद-201005 (उ.प्र.)

मोबाइल : 9868202052, 9868902022

इ-मेल: [email protected]

यो इ-पुस्तकको मूल्याङ्कन गर्नुहोस्

हामीलाई आफ्नो धारणा बताउनुहोस्।

जानकारी पढ्दै

स्मार्टफोन तथा ट्याबलेटहरू
AndroidiPad/iPhone का लागि Google Play किताब एप को इन्स्टल गर्नुहोस्। यो तपाईंको खातासॅंग स्वतः सिंक हुन्छ र तपाईं अनलाइन वा अफलाइन जहाँ भए पनि अध्ययन गर्न दिन्छ।
ल्यापटप तथा कम्प्युटरहरू
तपाईं Google Play मा खरिद गरिएको अडियोबुक आफ्नो कम्प्युटरको वेब ब्राउजर प्रयोग गरेर सुन्न सक्नुहुन्छ।
eReaders र अन्य उपकरणहरू
Kobo eReaders जस्ता e-ink डिभाइसहरूमा फाइल पढ्न तपाईंले फाइल डाउनलोड गरेर उक्त फाइल आफ्नो डिभाइसमा ट्रान्स्फर गर्नु पर्ने हुन्छ। ती फाइलहरू पढ्न मिल्ने इबुक रिडरहरूमा ती फाइलहरू ट्रान्स्फर गर्नेसम्बन्धी विस्तृत निर्देशनहरू प्राप्त गर्न मद्दत केन्द्र मा जानुहोस्।