Mansarovar - Part 1

· Sai ePublications & Sai Shop
4,0
3 κριτικές
ebook
358
Σελίδες
Κατάλληλο
Οι αξιολογήσεις και οι κριτικές δεν επαληθεύονται  Μάθετε περισσότερα

Σχετικά με το ebook

 मानसरोवर - भाग 1


अलग्योझा

ईदगाह

माँ

बेटोंवाली विधवा

बड़े भाई साहब

शांति

नशा

स्‍वामिनी

ठाकुर का कुआँ

घर जमाई

पूस की रात

झाँकी

गुल्‍ली-डंडा

ज्योति

दिल की रानी

धिक्‍कार

कायर

शिकार

सुभागी

अनुभव

लांछन

आखिरी हीला

तावान

घासवाली

गिला

रसिक संपादक

मनोवृत्ति


--------------------


भोला महतो ने पहली स्त्री के मर जाने बाद दूसरी सगाई की तो उसके लड़के रग्घू के लिये बुरे दिन आ गये। रग्घू की उम्र उस समय केवल दस वर्ष की थी। चैन से गाँव में गुल्ली-डंडा खेलता फिरता था। माँ के आते ही चक्की में जुतना पड़ा। पन्ना रुपवती स्त्री थी और रुप और गर्व में 


चोली-दामन का नाता है। वह अपने हाथों से कोई काम न करती। गोबर रग्घू निकालता, बैलों को सानी रग्घू देता। रग्घू ही जूठे बरतन माँजता। भोला की आँखें कुछ ऐसी फिरीं कि उसे अब रग्घू में सब बुराइयाँ-ही- बुराइयाँ नजर आतीं। पन्ना की बातों को वह प्राचीन मर्यादानुसार आँखें बंद 


करके मान लेता था। रग्घू की शिकायतों की जरा परवाह न करता। नतीजा यह हुआ कि रग्घू ने शिकायत करना ही छोड़ दिया। किसके सामने रोये? बाप ही नहीं, सारा गाँव उसका दुश्मन था। बड़ा जिद्दी लड़का है, पन्ना को तो कुछ समझता ही नहीं; बेचारी उसका दुलार करती है, 


खिलाती-पिलाती है यह उसी का फल है। दूसरी औरत होती, तो निबाह न होता। वह तो कहो, पन्ना इतनी सीधी-सादी है कि निबाह होता जाता है। सबल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद भी कोई नहीं सुनता! रग्घू का हृदय माँ की ओर से दिन-दिन फटता जाता था। यहाँ तक 


कि आठ साल गुजर गये और एक दिन भोला के नाम भी मृत्यु का संदेश आ पहुँचा।


पन्ना के चार बच्चे थे- तीन बेटे और एक बेटी। इतना बड़ा खर्च और कमानेवाला कोई नहीं। रग्घू अब क्यों बात पूछने लगा? यह मानी हुई बात थी। अपनी स्त्री लाएगा और अलग रहेगा। स्त्री आकर और भी आग लगायेगी। पन्ना को चारों ओर अंधेरा- ही- अंधेरा दिखाई देता था। पर कुछ भी 


हो, वह रग्घू की आसरैत बनकर घर में न रहेगी। जिस घर में उसने राज किया, उसमें अब लौंडी न बनेगी। जिस लौंडे को अपना गुलाम समझा, उसका मुँह न ताकेगी। वह सुन्दर थी, अवस्था अभी कुछ ऐसी ज्यादा न थी। जवानी अपनी पूरी बहार पर थी। क्या वह कोई दूसरा घर नहीं कर 

सकती? यही न होगा, लोग हँसेंगे। बला से!


Βαθμολογίες και αξιολογήσεις

4,0
3 αξιολογήσεις

Σχετικά με τον συγγραφέα

 Premchand

Αξιολογήστε αυτό το ebook

Πείτε μας τη γνώμη σας.

Πληροφορίες ανάγνωσης

Smartphone και tablet
Εγκαταστήστε την εφαρμογή Βιβλία Google Play για Android και iPad/iPhone. Συγχρονίζεται αυτόματα με τον λογαριασμό σας και σας επιτρέπει να διαβάζετε στο διαδίκτυο ή εκτός σύνδεσης, όπου κι αν βρίσκεστε.
Φορητοί και επιτραπέζιοι υπολογιστές
Μπορείτε να ακούσετε ηχητικά βιβλία τα οποία αγοράσατε στο Google Play, χρησιμοποιώντας το πρόγραμμα περιήγησης στον ιστό του υπολογιστή σας.
eReader και άλλες συσκευές
Για να διαβάσετε περιεχόμενο σε συσκευές e-ink, όπως είναι οι συσκευές Kobo eReader, θα χρειαστεί να κατεβάσετε ένα αρχείο και να το μεταφέρετε στη συσκευή σας. Ακολουθήστε τις αναλυτικές οδηγίες του Κέντρου βοήθειας για να μεταφέρετε αρχεία σε υποστηριζόμενα eReader.