सिर्फ एक परेशानी है, हमारा ध्यान भटक जाता है—कोई शोर सुनकर या फिर किसी दर्द के कारण। हमारा मन ही एक समस्या है, जिस में कबाड़ भरा पड़ा है। मन बंदर की तरह इधर-उधर कूदता है, उसपर काबू पाना, बहुत मुश्किल काम है। अपने मन का मालिक बनने के लिए आपको चाहिए सही मार्गदर्शन, पर्याप्त समय और अभ्यास सीखने के लिए उपयुक्त स्थान।
ध्यान के पर्याप्त अभ्यास से हमारा मन सुखमय विचारों से भर उठता है। ध्यान के पर्याप्त अभ्यास से, दुखद के बदले सुखद विचार और भावनाएँ बदलने में मदद होती है।