"लाला हरदौल" महेन्द्र वर्मा द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उपन्यास है जो बुंदेलखंड के वीर योद्धा लाला हरदौल की शौर्यगाथा को उजागर करता है। यह पुस्तक निष्ठा, बलिदान, भाईचारे और आत्मगौरव की भावनाओं से ओतप्रोत है। हरदौल ने अपने जीवन में अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर सच्चाई और धर्म का साथ दिया। उनकी कहानी आज भी लोकगीतों और जनमानस में जीवित है। लेखक ने ऐतिहासिक तथ्यों को भावनात्मक दृष्टिकोण से जोड़कर पाठकों को एक रोचक और मार्मिक अनुभव प्रदान किया है। यह पुस्तक नई पीढ़ी को वीरता और मूल्यों की शिक्षा देती है।
Ilukirjandus ja kirjandus