Kuchh Kahi Ankahi: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
5.0
1 ግምገማ
ኢ-መጽሐፍ
104
ገጾች
የተሰጡት ደረጃዎች እና ግምገማዎች የተረጋገጡ አይደሉም  የበለጠ ለመረዳት

ስለዚህ ኢ-መጽሐፍ

मित्रो, मेरे पहले काव्य संग्रह ‘मेरे हिस्से का सूरज’ के बाद यह मेरा दूसरा काव्य संग्रह ‘कुछ कही अनकही’ आपके सामने है। इसमें विभिन्न विषयों पर छोटी-बड़ी सभी तरह की रचनाएँ हैं। ये रचनाएँ कल्पना से परे यथार्थ को छूती हुई हैं। इसमें गरीब की दुर्दशा और सरकार से पुकार भी है। माँ का प्यार और उनका अभिनंदन भी है। गांव की सुनहरी यादें हैं। बेढंगे पहनावे पर कटाक्ष भी है। कविता के अनेक रूप भी हैं। आम समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति व देश पर तंज भी है। आंतरिक संघर्ष में अकारण जान न्यौछावर करने वाला जवान भी है। स्वयं से युद्ध करने का आह्वान है और व्यक्ति की मानसिकता का चित्रण भी है। टूटते परिवारों के बोझ तले दबी भावनाएँ भी हैं। ‘मन’ की व्यथा का विस्तृत चित्रण है। समझौतों की विवशता पर तंज भी है। कुछ रचनाएँ देश समाज के ऊपर व अन्य बहुत कुछ है। मेरा अपना मानना है कि सरल कविता सुगम संगीत की तरह व्यापक है। जीवन के उत्तरार्ध में प्रियजनों के आग्रह से इनका प्रकाशन करने की प्रेरणा मिली। मुझे आशा है कि मेरी ये सभी रचनाएँ आपको अपनी सोच व संवेदनाओं के आस-पास ही दृष्टिगत होंगी और सुधी पाठक जनों को रुचिकर लगेंगी। ...............आपका अपना प्रकाश गुप्ता

ደረጃዎች እና ግምገማዎች

5.0
1 ግምገማ

ለዚህ ኢ-መጽሐፍ ደረጃ ይስጡ

ምን እንደሚያስቡ ይንገሩን።

የንባብ መረጃ

ዘመናዊ ስልኮች እና ጡባዊዎች
የGoogle Play መጽሐፍት መተግበሪያውንAndroid እና iPad/iPhone ያውርዱ። ከእርስዎ መለያ ጋር በራስሰር ይመሳሰላል እና ባሉበት የትም ቦታ በመስመር ላይ እና ከመስመር ውጭ እንዲያነቡ ያስችልዎታል።
ላፕቶፖች እና ኮምፒውተሮች
የኮምፒውተርዎን ድር አሳሽ ተጠቅመው በGoogle Play ላይ የተገዙ ኦዲዮ መጽሐፍትን ማዳመጥ ይችላሉ።
ኢሪደሮች እና ሌሎች መሳሪያዎች
እንደ Kobo ኢ-አንባቢዎች ባሉ ኢ-ቀለም መሣሪያዎች ላይ ለማንበብ ፋይል አውርደው ወደ መሣሪያዎ ማስተላለፍ ይኖርብዎታል። ፋይሎቹን ወደሚደገፉ ኢ-አንባቢዎች ለማስተላለፍ ዝርዝር የእገዛ ማዕከል መመሪያዎቹን ይከተሉ።