मेरा जन्म बिहार राज्य में छपरा जिला, थाना माँझी के डुमरी गॉंव में हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा डुमरी गॉंव में ही हुई तब गॉंव में केवल मध्य विद्यालय तक की शिक्षा की व्यवस्था थी। उच्च विद्यालय की शिक्षा के लिए बच्चो को मांझी दलन सिंह उच्च विद्यालय में पढ़ने के
लिए जाना पड़ता था। डुमरी मध्य विद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद मै मांझी उच्च विद्यालय से 1993 में बिहार बोर्ड उतीर्ण हुआ, आगे की शिक्षा के लिए जिला में जाना पड़ा । बाबा साहव यूनिवर्सिटी मुज्जफरपुर से मनोविज्ञान से स्नातक की पढाई पूरी किया। माता पिता चाहते थे कि मै आगे की पढाई जारी रखु, लेकिन घर की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए परिवार के सदस्यों के पेट की आग बुझाने के लिए मै शहर की ओर रुख किया। बचपन से कविता और कहानिया लिखने के प्रति अभिरुचि थी, मै पांचवी क्लास में पढता था तब पहली कवीता लिखा जिसका शीर्षक “भूखा हिंदुस्तान” जिसकी पहली पंक्ति है
कौन सुनेगा किसे सुनाऊं, व्यथा भरी दास्तान।
तड़प रहा आंखों के आगे, भूखा हिंदुस्तान।।