Geeta Prashnottari (Geeta Par 2100 Prashnottar)

· Booksclinic Publishing
5,0
1 arvostelu
E-kirja
313
sivuja
Arvioita ja arvosteluja ei ole vahvistettu Lue lisää

Tietoa tästä e-kirjasta

भारत देश की दो ही प्रतिष्ठाएं है- संस्कृत और संस्कृति और भारतीय संस्कृति संस्कृत भाषा के आश्रय में है। वही भारतीय संस्कृति श्रीमद्भगवदगीता में समाहित है। इसलिए तो श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। ऋग्वेद आदि हिन्दु धर्म शास्त्रों में गीता को प्रथम स्थान प्राप्त है। यदि विश्व स्तर पर भी देखा जाए तो इस ग्रन्थ से बढ़कर कोई अन्य ग्रन्थ नही है। विश्व में धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रभावशाली ढ़ग से प्रस्तुत करने वाला ओर कोई ग्रन्थ नही है बल्कि श्रीमद्भगवद्गीता है। जो भारतीय संस्कृति की एक खूबसूरत विशेषता है।

लगभग 5 हजार साल पहले धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था, वही उपदेश श्रीमद्भगवद्गीता कहलाता है। युद्ध भूमि पर अपने सगे- सम्बन्धियों, दादा-परदादा, भाई-भतीजों और रिश्तेदारों को देखकर युद्ध से विमुख हुए शोकग्रस्त अर्जुन को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और रविवार के दिन केवल 45 मिनट में निष्काम भाव से कर्म करने के लिए जो उपदेश दिया, वही उपदेश आज समस्त मानव जाति के लिए उपयोगी और प्रेरणीय हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता महर्षि वेदव्यास विरचित विशालकाय महाकाव्य महाभारत के भीष्म पर्व से चयनित है। इस ग्रन्थ के 18 अध्यायों में 18 योगों का वर्णन हैं। ग्रन्थ में केवल 700 श्लोक हैं । इन श्लोकों में से 574 श्लोक भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का मार्गदर्शन करते हुए बोलें और 85 श्लोक विषादग्रस्त अर्जुन द्वारा प्रश्न रूप में बोले गए। 40 श्लोक इस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने वाले दिव्यचक्षुधारी संजय द्वारा बोले गए। भाई-भाई में विरोध भाव पैदा करने वाले, पुत्र-मोही धृतराष्ट्र द्वारा केवल एक श्लोक ही बोला गया।

भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि ज्ञान, भक्ति और कर्मयोग के मार्ग पर चलने से ही मनुष्य को सफलता मिलती है। मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में अपने कर्त्तव्य पथ से विचलित नही होना चाहिए। जो व्यक्ति सच्चे मन से कर्त्तव्य पथ पर चलता है। अंत में उसी की जीत होती है।

भारतवर्ष में प्रतिवर्ष गीता जयन्ती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। स्थान-स्थान पर गीता पाठ और श्रीमद्भगवद्गीता कथाएं की जाती हैं। जन-जन तक गीता ज्ञान पहुंचाने के लिए और छात्रों को कर्म के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए विद्यालय स्तर पर भी गीता- ज्ञान संबंधी प्रतियोगिताएं करवाई जाती है। निबन्ध लेखन, गीता श्लोकोच्चारण, भाषण, संवाद, पेन्टिग और गीता प्रश्नोत्तरी आदि प्रतियोगिताएं विद्यालय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक करवाई जाती है।

गीता प्रश्नोत्तरी पुस्तक में पाठक की उत्सुकता एवं जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए निम्न प्रकार के प्रश्न तैयार किए गए है। जैसेंः- वस्तुनिष्ठ प्रश्न, बहुविकल्पीय प्रश्न, रिक्तस्थान संबंधी प्रश्न, मिलान संबंधी प्रश्न, पहचान संबंधी प्रश्न, सही-गलत वाले प्रश्न और अर्थ संबंधी प्रश्न आदि-आदि। एक श्रेष्ठ प्रश्नोत्तरी को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त प्रकार के प्रश्न तैयार किए गए हैं क्योंकि एक अच्छी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 10 प्रश्नों के चार या आठ राउंड होते हैं। गीता प्रश्नोत्तरी पुस्तक में सभी राउंड के प्रश्न तैयार किए गए है।

गीता प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखते हुए लेखक द्वारा ”गीता प्रश्नोत्तरी कटोरा” 2100 प्रश्नोत्तर पुस्तक का लेखन किया गया। प्रतिभागी छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी पुस्तक है- गीता प्रश्नोत्तरी।

Arviot ja arvostelut

5,0
1 arvostelu

Arvioi tämä e-kirja

Kerro meille mielipiteesi.

Tietoa lukemisesta

Älypuhelimet ja tabletit
Asenna Google Play Kirjat ‑sovellus Androidille tai iPadille/iPhonelle. Se synkronoituu automaattisesti tilisi kanssa, jolloin voit lukea online- tai offline-tilassa missä tahansa oletkin.
Kannettavat ja pöytätietokoneet
Voit kuunnella Google Playsta ostettuja äänikirjoja tietokoneesi selaimella.
Lukulaitteet ja muut laitteet
Jos haluat lukea kirjoja sähköisellä lukulaitteella, esim. Kobo-lukulaitteella, sinun täytyy ladata tiedosto ja siirtää se laitteellesi. Siirrä tiedostoja tuettuihin lukulaitteisiin seuraamalla ohjekeskuksen ohjeita.