ना मैं अपने आप को कोई लेखक कहती, ना कोई साहित्यकार, बस मेरे आस पास जो घटनाये घटित होती हैँ, जो मेरे दिल को अंदर तक छू जाती हैँ, उन भावनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश करती हूँ! मेरा हमेशा से ये प्रयास रहता हैँ की मेरी रचना से हर एक पाठक जुड सके, उसको ऐसा लगे जैसे वो इस कहानी का ही हिस्सा हो, साथ ही कभी कुछ ऐसा ना लिखू जो किसी के दिल को ठेस पहुचाये ,पता नहीं इस सफर की मंजिल क्या होगी, पर मुझे तो इस सफर में ही मजा आ रहा हैँ, बस मैं यू ही अपने दिल की बात आप तक पंहुचाती रहू, यही प्रयास रहेगा, मेरे इस सफर के साथी बन कर मुझे अनुग्रहित करें ।
Художественная литература