आज का मानव कर्णकटु ध्वनि के बीच जी रहा है। मोटर और रेलगाड़ियों का शोर, जेट वायुयानों का .शोर, मंदिर-मसजिद और सभा-सोसाइटियों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का शोर, टी. वी. -टेपरिकार्डर का शोर मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। बहरेपन से लेकर हार्ट अटैक तक की बीमारियाँ इन्हीं ध्वनि प्रदूषणों का परिणाम हैं। जो ध्वनि जीवन के लिए अत्यावश्यक है, वही आज प्रदूषित होकर जीवन का अंत करने पर आमादा है। । इस प्रदूषण के लिए कौन-कौन-से कारण जम्मेदार हैं तथा इससे मुक्ति कैसे मिल सकती है, इसी का वैज्ञानिक विवेचन सरल-सुबोध भाषा में इस पुस्तक में किया गया है। स्थान-स्थान पर हम दिए गए चित्र विषय को समझने में उपयोगी सिद्ध होंगे।