Balshram Unmoolan

· Prabhat Prakashan
ඉ-පොත
320
පිටු
ඇගයීම් සහ සමාලෝචන සත්‍යාපනය කර නැත වැඩිදුර දැන ගන්න

මෙම ඉ-පොත ගැන

बालश्रम केवल भारतवर्ष की ही नहीं अपितु एक वैश्विक सामाजिक बुराई है। भारत इससे जूझ रहा है और इसके समाधान हेतु सरकारी व गैर-सरकारी प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। बालश्रम के संबंध में भारतीय संविधान में मौजूद अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को फैक्टरी, खदान या खतरनाक उद्योगों में किसी भी कार्य हेतु नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह संविधान के अनुच्छेद 39 (ई) तथा (एफ) में स्पष्ट कहा गया है कि पुरुष, स्त्री अथवा छोटे बच्चों के द्वारा किए जा रहे कार्यों में उनके स्वास्थ्य तथा शरीर का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार का शोधग्रंथ 'बालश्रम उन्मूलन' स्वतंत्र पुस्तक के रूप में मध्य प्रदेश के सागर क्षेत्र में मौजूद होटल व्यवसाय से जुड़े बालश्रमिकों के जटिल जीवन की गाथा को उकेरने के साथ ही देश के अंदर बालश्रमिकों के लिए नीति-निर्माण का मानक सिद्ध हो सकता है।

इस पुस्तक में बालश्रमिकों के स्वास्थ्य, उनके ऊपर कार्य के दबाव, साफ-सफाई तथा स्वच्छता की कमी आदि व्यापक विषयों पर शोध सर्वे के निष्कर्ष अत्यंत उपयोगी हैं, जो देश में बालश्रम उन्मूलन के लिए एक दिशा-दर्शन का कार्य करेंगे।

කර්තෘ පිළිබඳ

डॉ. वीरेंद्र कुमार

मध्य प्रदेश के सागर जिले में जन्म। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से जुड़कर समाजसेवा करते हुए डॉ. हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय सागर से अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण कर यहीं से बालश्रम पर पीएच.डी. की।

संघ के समर्पित स्वयंसेवक वीरेंद्रजी आपातकाल में मीसा के अंतर्गत 16 महीने जेल में रहे। 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक रहने के साथ ही पार्टी संगठन के विभिन्न पदों पर रहे। भाजपा के राज्य प्रतिनिधि और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष आदि रहे। वर्ष 1996 में डॉ. वीरेंद्र कुमार पहली बार सागर लोकसभा क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए और यह क्रम वर्तमान 18वीं लोकसभा तक निरंतर जारी है। उपरोक्त कालखंड में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सागर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया तत्पश्चात् टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का निरंतर प्रतिनिधित्व करते चले आ रहे हैं। इनके इतने लंबे संसदीय जीवन में ऑस्ट्रेलिया, चीन, मंगोलिया, रूस और थाईलैंड जैसे देशों की यात्राएँ भी शामिल हैं।

3 सितंबर, 2017 को मोदी सरकार में केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री बनाए गए। 2019 में 17वीं लोकसभा के सबसे वरिष्ठ निर्वाचित सदस्य होने के नाते उन्हें प्रोटेम स्पीकर चुना गया। 7 जुलाई, 2021 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया। 9 जून, 2024 को पुनः मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री का दायित्व मिला।

මෙම ඉ-පොත අගයන්න

ඔබ සිතන දෙය අපට කියන්න.

කියවීමේ තොරතුරු

ස්මාර්ට් දුරකථන සහ ටැබ්ලට්
Android සහ iPad/iPhone සඳහා Google Play පොත් යෙදුම ස්ථාපනය කරන්න. එය ඔබේ ගිණුම සමඟ ස්වයංක්‍රීයව සමමුහුර්ත කරන අතර ඔබට ඕනෑම තැනක සිට සබැඳිව හෝ නොබැඳිව කියවීමට ඉඩ සලසයි.
ලැප්ටොප් සහ පරිගණක
ඔබට ඔබේ පරිගණකයේ වෙබ් බ්‍රව්සරය භාවිතයෙන් Google Play මත මිලදී ගත් ශ්‍රව්‍යපොත්වලට සවන් දිය හැක.
eReaders සහ වෙනත් උපාංග
Kobo eReaders වැනි e-ink උපාංග පිළිබඳ කියවීමට, ඔබ විසින් ගොනුවක් බාගෙන ඔබේ උපාංගයට එය මාරු කිරීම සිදු කළ යුතු වේ. ආධාරකරු ඉ-කියවනයට ගොනු මාරු කිරීමට විස්තරාත්මක උදවු මධ්‍යස්ථාන උපදෙස් අනුගමනය කරන්න.