Apsara

· Vani Prakashan
E-book
172
Strony
Oceny i opinie nie są weryfikowane. Więcej informacji

Informacje o e-booku

अप्सरा निराला' की कथा-यात्रा का प्रथम सोपान है। अप्सरा-सी सुन्दर और कला-प्रेम में डूबी एक वीरांगना की यह कथा हमारे हृदय पर अमिट प्रभाव छोड़ती है। अपने व्यवसाय से उदासीन होकर वह अपना हृदय एक कलाकार को दे डालती है और नाना दुष्चक्रों का सामना करती हुई अन्ततः अपनी पावनता को बनाये रख पाने में समर्थ होती है। इस प्रक्रिया में उसकी नारी-सुलभ कोमलताएँ तो उजागर होती ही हैं, उसकी चारित्रिक दृढ़ता भी प्रेरणाप्रद हो उठती है।

इस उपन्यास में तत्कालीन भारतीय परिवेश और स्वाधीनता-प्रेमी युवा-वर्ग की दृढ़ संकल्पित मानसिकता का चित्रण हुआ है, जो कि महाप्राण निराला की सामाजिक प्रतिबद्धता का एक ज्वलन्त उदाहरण है।

O autorze

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' -

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (21 फ़रवरी 1896-15 अक्टूबर 1961) का नाम मूलतः छायावाद से जोड़ा जाता है, किन्तु उनके कृतित्व और व्यक्तित्व ने समूची सदी के साहित्य परिदृश्य को प्रभावित किया है। बंगाल के महिषादल में उनका जन्म हुआ और अवध प्रदेश के बैसवाड़ा अंचल में उनके जीवन का अधिकांश समय बीता। उनके कृतित्व में इन दोनों साहित्य-संस्कृतियों के गहरे रंग उभरकर सामने आते हैं। एक ओर उन पर तुलसीदास का गहरा रंग है, तो दूसरी ओर रामकृष्ण परमहंस, विवेकानन्द और रवीन्द्रनाथ ठाकुर का । वे वेदान्त दर्शन से गहरे तक प्रभावित थे और राष्ट्रीय चेतना और यथार्थवादी दृष्टि में उनका अगाध विश्वास था ।

प्रमुख कृतियाँ : राम की शक्ति-पूजा, तुलसीदास, सरोज स्मृति, कुकुरमुत्ता, अनामिका, अणिमा, नये पत्ते, बेला (काव्य); अप्सरा, निरुपमा, प्रभावती, कुल्ली भाट, बिल्लेसुर बकरिहा (उपन्यास); चतुरी चमार, सुकुल की बीवी (कहानी-संग्रह); रवीन्द्र कविता कानन, चाबुक, प्रबन्ध पराग (निबन्ध तथा आलोचना) ।

Oceń tego e-booka

Podziel się z nami swoją opinią.

Informacje o czytaniu

Smartfony i tablety
Zainstaluj aplikację Książki Google Play na AndroidaiPada/iPhone'a. Synchronizuje się ona automatycznie z kontem i pozwala na czytanie w dowolnym miejscu, w trybie online i offline.
Laptopy i komputery
Audiobooków kupionych w Google Play możesz słuchać w przeglądarce internetowej na komputerze.
Czytniki e-booków i inne urządzenia
Aby czytać na e-papierze, na czytnikach takich jak Kobo, musisz pobrać plik i przesłać go na swoje urządzenie. Aby przesłać pliki na obsługiwany czytnik, postępuj zgodnie ze szczegółowymi instrukcjami z Centrum pomocy.