Ajnabi Ladki Ajnabi Shahar

· Authors Tree Publishing
1.0
1 Rezension
E-Book
108
Seiten
Bewertungen und Rezensionen werden nicht geprüft  Weitere Informationen

Über dieses E-Book

पाठकगण, आपका तहे दिल से स्वागत। आज आपके हाथ में मेरे द्वारा लिखी गई दूसरी पुस्तक "अजनबी लड़की अजनबी शहर" है। साथियों, आप किसी भी शहर में चले जाइए हर जगह इश्क करने वाले आशिक मिल जाएंगे। कोई प्यार में टूटा है तो किसी का इश्क परवान चढ़ रहा होता है। इश्क की कहानी अक्सर कॉलेज लाइफ में शुरू होती है। अजनबी लड़की अजनबी शहर भी ऐसी ही एक कहानी है। अनजान शहर में एक लड़की से मुलाकात होना, मुलाकात इश्क में बदल जाना और हमेशा के लिए गुमनाम हो जाना। दिल को बहुत दर्द दे जाती है। आप सबों ने अधूरा इश्क अधूरी कहानी को ढेर सारा प्यार दिया, उसके लिए दिल से शुक्रिया। मुझे उम्मीद है अजनबी लड़की अजनबी शहर को भी प्यार देंगे। ये पुस्तक आपके स्कूल और कॉलेज लाइफ के इश्क को याद दिलाएगी। अहसास करवाएगी।

Bewertungen und Rezensionen

1.0
1 Rezension

Autoren-Profil

अजनबी लड़की अजनबी शहर के लेखक दीपक राजसुमन का जन्म बिहार के लखीसराय जिले के एक छोटे से गांव रामगढ़ मेंहुआ। किसान परिवार में जन्म होने की वजह से पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुआ लेकिन बचपन से ही राजनीति से लगाव था इसलिए आगे चलकर वो पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़ गए और अपना न्यूज वेबसाइट indiantimetv.com की स्थापना की जो राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखती है और लोगों को समाचार मुहैया करवाती है। पत्रकारिता में अपने करियर को देखते हुए ग्रेजुएशन की पढ़ाई GNSU से बीजेएमसी कोर्स के रूप में कर रहे हैं। देश में चल रहे घटनाक्रम और राजनीति को लेकर दीपक बेबाक रूप से आर्टिकल भी लिखते है जिसे कई समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया है। वो अपने इंडियन टाइम टीवी डॉट कॉम की सफलता को देखते हुए nationpearl.com की स्थापना किए हैं। इस कम्पनी के जरिए देश और दुनिया में एक हजार से अधिक अलग अलग वेबसाइटों को सर्विस देते हैं। दीपक पहले भी इश्क मोहब्बत पर एक किताब अधूरा इश्क अधूरी कहानी को लिख चुके है। जो अमेजन, फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। उनको भरोसा है जिस तरह आजतक आप सबों ने उन्हें प्यार दिया है वैसे ही उनके इस पुस्तक को प्यार देंगे।

Dieses E-Book bewerten

Deine Meinung ist gefragt!

Informationen zum Lesen

Smartphones und Tablets
Nachdem du die Google Play Bücher App für Android und iPad/iPhone installiert hast, wird diese automatisch mit deinem Konto synchronisiert, sodass du auch unterwegs online und offline lesen kannst.
Laptops und Computer
Im Webbrowser auf deinem Computer kannst du dir Hörbucher anhören, die du bei Google Play gekauft hast.
E-Reader und andere Geräte
Wenn du Bücher auf E-Ink-Geräten lesen möchtest, beispielsweise auf einem Kobo eReader, lade eine Datei herunter und übertrage sie auf dein Gerät. Eine ausführliche Anleitung zum Übertragen der Dateien auf unterstützte E-Reader findest du in der Hilfe.