ASHTKAMAL: KAHANI SANGRAH

· ASHTKAMAL কিতাপ 1 · MAA PUBLISHING HOUSE
৫.০
২ টা পৰ্যালোচনা
ইবুক
135
পৃষ্ঠা
মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনা সত্যাপন কৰা হোৱা নাই  অধিক জানক

এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

इन कहानियों में कथानक फिल्मों से अलग ही देखने को मिलेगा | कहानियाँ सामाजिक एवं लोक कल्याण हित में तथा आजकल हो रही घटनाओं का विश्लेषण करतीं नज़र आयेगी | रहस्यात्मक कहानियाँ लिखने का मुझे बचपन से ही शौक रहा है | इसीलिए कुछ कहानी रहस्यात्मक भी मिलेंगी | परन्तु साहित्य से एवं फीचर लेखन शैली से भिन्न भी लग सकतीं है | कहानियों में सामाजिक, राजनैतिक, पारिवारिक आदि दृश्यों का भी चित्रण किया गया है | इनके कथानक अन्य फ़िल्मी कहानियों से अलग है | लेकिन इनका किसी भी फ़िल्मी कहानी अथवा घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है | ये कहानियाँ केवल कल्पना पर ही आधारित हैं | अगर इन कहानियों का सम्बन्ध किसी घटना अथवा कहानी से होता है, तो मात्र एक संयोग ही समझा जायेगा | इन कहानियों में प्रेरणात्मक अनुभूतियों की झलक देखने को मिलेगी | रहस्य से भरपूर ये कहानियाँ आपको मनोरंजन के साथ नवीन कथानकों का अवलोकन कराएंगी ये उस समय की कहानियाँ हैं जब में साहित्य शब्द से ही अनभिज्ञ था | परन्तु अपनी बात रखने का मेरे द्वारा पूरा प्रयास किया गया है | इस छोटी पुस्तक बनाने का मेरा केवल एक ही उद्देश्य है कि लोगों की विचारधारा इस पुस्तक के विषय में क्या विचार रखती है | इसके लिए मैं आपके विचारों की प्रतीक्षा करूँगा | आप मुझे इमेल के माध्यम से पत्र प्रेषित कर सकते है | साभार सहित ...|


মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনাসমূহ

৫.০
২ টা পৰ্যালোচনা

লিখকৰ বিষয়ে

जन्म उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के महुआ ग्राम में 5 सितम्बर सन 1985 को एक साधारण कायस्थ परिवार में हुआ | माँ का नाम सुशीला तथा पिता का नाम अवधनारायण श्रीवास्तव है | पिता सरस्वती शिशु मंदिर में अध्यापक थे, और माँ बाल विकास परियोजना में आँगनवाड़ी कार्यकत्री थीं | माँ की धार्मिक प्रवृति के कारण ही मेरे विचारों को गति मिली | उस समय परिवार की स्थिति ठीक न होने के कारण मेरी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई | पांचवीं कक्षा के बाद हम हमीरपुर जिले के राठ कसबे में आ गये | कक्षा 6 से दसवीं तक की शिक्षा किसी तरीके से माता पिता ने अथक परिश्रम कर पूर्ण करायी, क्योकि मेरे अलावा मेरे दो छोटे भाई भी थे | अतएव में भी पिता के साथ उनका सहयोग करता था | दसवीं कक्षा से मैंने अखबार बेचने का कार्य किया, और इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अध्यापन कार्य करने लगा | आर्थिक समस्याओं के चलते तीन वर्ष तक पढाई अवरुद्ध हो गयी | एम. ए. हिंदी,संस्कृत की शिक्षा पूर्ण की | कहानी, कविता, नाटक, उपन्यास, गीत, भजन, निबन्ध आदि हिंदी गद्य एवं पद्य दौनो विधाओं पर लेखन कार्य निरंतर चल रहा है |आप सम्मानीय पाठकों तक मेरी रचनायें पहुँचें और आपको उनसे कुछ प्राप्त हो सके यही मेरा प्रयास है | मुझे विश्वास है कि आप सभी को यह पुस्तक बेहद पसंद आयेगी |


এই ইবুকখনক মূল্যাংকন কৰক

আমাক আপোনাৰ মতামত জনাওক।

পঢ়াৰ নির্দেশাৱলী

স্মাৰ্টফ’ন আৰু টেবলেট
Android আৰু iPad/iPhoneৰ বাবে Google Play Books এপটো ইনষ্টল কৰক। ই স্বয়ংক্রিয়ভাৱে আপোনাৰ একাউণ্টৰ সৈতে ছিংক হয় আৰু আপুনি য'তে নাথাকক ত'তেই কোনো অডিঅ'বুক অনলাইন বা অফলাইনত শুনিবলৈ সুবিধা দিয়ে।
লেপটপ আৰু কম্পিউটাৰ
আপুনি কম্পিউটাৰৰ ৱেব ব্রাউজাৰ ব্যৱহাৰ কৰি Google Playত কিনা অডিঅ'বুকসমূহ শুনিব পাৰে।
ই-ৰীডাৰ আৰু অন্য ডিভাইচ
Kobo eReadersৰ দৰে ই-চিয়াঁহীৰ ডিভাইচসমূহত পঢ়িবলৈ, আপুনি এটা ফাইল ডাউনল’ড কৰি সেইটো আপোনাৰ ডিভাইচলৈ স্থানান্তৰণ কৰিব লাগিব। সমৰ্থিত ই-ৰিডাৰলৈ ফাইলটো কেনেকৈ স্থানান্তৰ কৰিব জানিবলৈ সহায় কেন্দ্ৰত থকা সবিশেষ নিৰ্দেশাৱলী চাওক।