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सत्यजीत रे ने इस उपन्यास में सुनने वालों को बंगाल से राजस्थान तक की यात्रा करवाई है! इसे सुनते हुए ऐसा लगेगा जैसे आप कलकत्ता से जैसेलमेर जा रहें हैं! ये उपन्यास मुकुल नाम के बालक की कथा है, जिसे पिछले जन्म की बातें याद रहतीं हैं! ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि सत्यजीत रे अपनी कहानियों में कैसा जादू बिखरते हैं! पर ये बताना जरूरी है इस उपन्यास का जादू आपको और आपके बच्चों को ख़ूब आनंदित करेगा! इसे सुनें और अपने बच्चों को ज़रूर सुनाएँ!