Samaj Sudharak Raja Ram Mohan Roy

· Storyside IN · Mukesh Pandey က ဇာတ်ကြောင်းပြောပြထားသည်
အော်ဒီယိုစာအုပ်
5 နာရီ 36 မိနစ်
မူရင်းအတိုင်း
သတ်မှတ်ချက်ပြည့်မီသည်
အဆင့်သတ်မှတ်ချက်နှင့် သုံးသပ်ချက်များကို အတည်ပြုမထားပါ  ပိုမိုလေ့လာရန်
4 မိနစ် နမူနာ လိုချင်သလား။ အော့ဖ်လိုင်းဖြစ်နေသော်လည်း အချိန်မရွေး နားထောင်နိုင်သည်။ 
ထည့်ရန်

ဤအော်ဒီယိုစာအုပ်အကြောင်း

राजा राममोहन राय भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत और आधुनिक भारत में सामाजिक समरसता के जनक थे। वे ब्राह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषाई प्रेस के प्रवर्तक, जन-जागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नवजागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारत में स्वतंत्रता आंदोलन और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की। हिंदी के प्रति उनका अगाध समर्पण था। वे रूढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे; लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्‍ट्र-गौरव उनकी थाती थे। उनका जन्म सन् 1774 में बंगाल में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें बँगला, संस्कृत, अरबी तथा फारसी भाषाओं का ज्ञान हो गया था। उन्होंने ब्राह्मण समाज की स्थापना की तथा विदेश (इंग्लैंड व फ्रांस) भ्रमण भी किया। राममोहन राय ईस्ट इंडिया कंपनी की नौकरी छोड़कर राष्‍ट्र-सेवा में जुट गए। बाल-विवाह, सती-प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, परदा-प्रथा आदि का उन्होंने भरपूर विरोध किया और विधवा पुनर्विवाह पर जोर दिया। राजा राममोहन राय ने 'ब्रह्ममैनिकल मैगजीन', 'संवाद कौमुदी', 'मिरात-उल-अखबार', 'बंगदूत' जैसे स्तरीय पत्रों का संपादन-प्रकाशन किया। प्रखर चिंतक और दूरद्रष्‍टा राजा राममोहन राय की सांगोपांग प्रेरक जीवन-गाथा।.

ဤအော်ဒီယိုစာအုပ်ကို အဆင့်သတ်မှတ်ပါ

သင့်အမြင်ကို ပြောပြပါ။

နားထောင်ခြင်းဆိုင်ရာ အချက်အလက်များ

စမတ်ဖုန်းများနှင့် တက်ဘလက်များ
Android နှင့် iPad/iPhone တို့အတွက် Google Play Books အက်ပ် ကို ထည့်သွင်းပါ။ ၎င်းသည် သင့်အကောင့်နှင့် အလိုအလျောက် စင့်ခ်လုပ်ပေးပြီး နေရာမရွေး အွန်လိုင်းတွင်ဖြစ်စေ သို့မဟုတ် အော့ဖ်လိုင်းတွင်ဖြစ်စေ ဖတ်ရှုခွင့်ရရှိစေပါသည်။
လက်တော့ပ်များနှင့် ကွန်ပျူတာများ
Google Play ပေါ်ရှိ သင်ဝယ်ထားသောစာအုပ်များကို သင့်ကွန်ပျူတာ ဝဘ်ဘရောင်ဇာကို အသုံးပြု၍ ဖတ်နိုင်သည်။