ऋषशृंग मुनि के परामर्श से अयोध्या के महाराज दशरथ को राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चार पुत्रों की प्राप्ति हुई. वही रावण के यहाँ मंदोदरी ने मेघनाद को जन्म दिया, जिसका आवाज मेघो के समान भयंकर था. मिथिला में भुमिकन्या सीता धीरे धीरे बड़ी हो रही थी, एक दिन उसने परशुराम के धनुष्य को ही अपना काठ का घोडा बना लिया. परशुराम ने आशीर्वाद दिया जो इस धनुष्य को तोड़ेगा, वही इसका पति होगा.
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