पिछले कुछ समय से करीबी रिश्तेदार ही अपनों के दुश्मन साबित हो रहे हैं. ऐसी मे अपने स्वार्थों के चलते अगर घर का कोई सदस्य उनका साथ दे तो परिणाम बहुत घातक होते हैं. प्रवींद्र और संगीता सगे मामा भांजी थे, लेकिन जब उन्होंने मर्यादाएँ लांघी तो अपने ही परिवार पे भारी पड़ गए.