reportArvioita ja arvosteluja ei ole vahvistettu Lue lisää
Haluatko näytteen, jonka kesto on 4 min? Kuuntele milloin tahansa, jopa offline-tilassa.
Lisää
Tietoa tästä äänikirjasta
बेमिसाल हिंदी कवि मुक्तिबोध की यह जीवनकथा हमारा परिचय उस व्यक्ति से कराती है जो जीवन के तमाम संघर्षों के बीच दुनिया को बेहतर कैसे बनाया जाय के विराट प्रश्न से जूझता है और किसी भी समय अपने निजी जीवन के उतार चढ़ाव को दुनिया और समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेवारी के आड़े नहीं आने देता. एक महान लेखक के जीवन और मन के भीतर उतरने वाली यह किताब अपने समय का भी एक बारीक और गहरा दस्तावेज़ है.