Manmokla, Pahila-Vahila (Sushi Katha)

· Sushi Katha पुस्तक 5 · Storyside IN · Anshuman Vichare की आवाज़ में
ऑडियो बुक
27 मिनट
ज़्यादा शब्दों में
योग्य
रेटिंग और समीक्षाओं की पुष्टि नहीं हुई है  ज़्यादा जानें
क्या 2 मिनट के लिए आज़माने में आपकी दिलचस्पी है? कभी भी सुनें, चाहे आप ऑफ़लाइन ही क्यों न हों 
जोड़ें

इस ऑडियो बुक के बारे में जानकारी

आपण जन्माला येऊन मूर्खपणा केला, हे पहिल्यांदा केव्हा जाणवलं तुम्हाला? तुमच्यापेक्षा दुर्बल... असाहाय्य मुलाला, कोपर्‍यात गाठून तुम्ही कधी बुकलून काढलंय का? अतिशय घाबरून, तुम्ही कधी मारामारीतून पळून गेला आहात का? असेच आपलं पहिलं-वहिलं 'प्रेम' तुम्ही मनमोकळं व्यक्त केलं आहेत का? या प्रश्नांची उत्तरे जाणून घ्यायची असतील तर नक्की ऐका हे गंमतीदार 'कन्फेशन'... सु.शिं.च्या खुसखुशीत शैलीतील कहाणी... 'मनमोकळं, पहिलं-वहिलं...'

इस ऑडियो बुक को रेटिंग दें

हमें अपनी राय बताएं.

जानकारी को सुनना

स्मार्टफ़ोन और टैबलेट
Android और iPad/iPhone के लिए Google Play किताबें ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करें. यह आपके खाते के साथ अपने आप सिंक हो जाता है और आपको कहीं भी ऑनलाइन या ऑफ़लाइन पढ़ने की सुविधा देता है.
लैपटॉप और कंप्यूटर
आप अपने कंप्‍यूटर के वेब ब्राउज़र का उपयोग करके Google Play पर खरीदी गईं पुस्‍तकें पढ़ सकते हैं.

सीरीज़ जारी रखें

Suhas Shirvalkar की ओर से ज़्यादा

मिलती-जुलती ऑडियोबुक