Kunti - 3

· Storyside IN · บรรยายโดย Hema Nikam
หนังสือเสียง
5 ชม. 12 นาที
ฉบับสมบูรณ์
มีสิทธิ์
คะแนนและรีวิวไม่ได้รับการตรวจสอบยืนยัน  ดูข้อมูลเพิ่มเติม
ฟังตัวอย่างระยะเวลา 4 นาที ได้ทุกเมื่อแม้ขณะออฟไลน์ 
เพิ่ม

เกี่ยวกับหนังสือเสียงเล่มนี้

वेद कहते हैं कि अनस्तित्व में से अस्तित्व का जन्म नहीं होता। जो नहीं है, वह हो नहीं सकता। किसी का जन्म नहीं होता। कुछ उत्पन्न नहीं होता। स्रष्टा और सृष्टि दो समानान्तर रेखाएँ हैं, जिनका न कहीं आदि है न अन्त। वे दोनों रेखाएँ समानान्तर चलती हैं। ईश्वर नित्य क्रियाशील विधाता है। जिसकी शक्ति से प्रलयपयोधि में नित्यशः एक के बाद एक ब्रह्माण्ड का सृजन होता रहता है। वे कुछ काल तक गतिमान रहते हैं और उसके पश्चात् विनष्ट कर दिए जाते हैं। सूर्य चन्द्रमसौ धाता यथापूर्वम् अकल्पयत्। इस सूर्य और इस चन्द्रमा को भी पिछले चन्द्रमा के समान निर्मित किया गया।...तो यह जन्म लेने से पहले, इस शरीर को धारण करने से पहले भी तो कुन्ती कुछ रही होगी, कोई रही होगी। कौन थी वह ?... (C) 2018 Vani Prakashan

ให้คะแนนหนังสือเสียงนี้

แสดงความเห็นของคุณให้เรารับรู้

ข้อมูลการฟัง

สมาร์ทโฟนและแท็บเล็ต
ติดตั้งแอป Google Play Books สำหรับ Android และ iPad/iPhone แอปจะซิงค์โดยอัตโนมัติกับบัญชีของคุณ และช่วยให้คุณอ่านแบบออนไลน์หรือออฟไลน์ได้ทุกที่
แล็ปท็อปและคอมพิวเตอร์
คุณสามารถอ่านหนังสือที่ซื้อจาก Google Play โดยใช้เว็บเบราว์เซอร์บนคอมพิวเตอร์ของคุณ

รายการอื่นๆ ที่เขียนโดย Narendra Kohli

หนังสือเสียงที่คล้ายกัน

บรรยายโดย Hema Nikam