Kavve Aur Kala Pani

· Storyside IN · Mukesh Pandayৰ দ্বাৰা বর্ণিত
অডিঅ'বুক
7 ঘণ্টা 38 মিনিট
সম্পূৰ্ণ
যোগ্য
মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনা সত্যাপন কৰা হোৱা নাই  অধিক জানক
এটা 4 মিনিট নমুনা লাগে নেকি? যিকোনো সময়তে শুনক, আনকি অফলাইন হৈ থাকোঁতেও। 
যোগ কৰক

এই অডিঅ’বুকখনৰ বিষয়ে

निर्मल वर्मा के भाव-बोध में एक खुलापन निश्चय ही है-न केवल 'रिश्तों की लहूलुहान पीड़ा' के प्रति, बल्कि मनुष्य के उस अनुभव और उस वृत्ति के प्रति भी, जो उसे 'जिन्दगी के मतलब की खोज' में प्रवृत्त करती है। उनके जीवन-बोध में दोनों स्थितियों और वृत्तियों के लिए गुंजाइश निकल आती है और यह 'रिश्तों की उस लहूलुहान पीड़ा' के एकाग्र अनुभव और आकलन का अनिवार्य प्रतिफलन है...तब इन कहानियों का अनिवार्य सम्बन्ध न केवल मानव-व्यक्तियों की मूलभूत आस्तित्विक वेदनाओं से हमें दिखाई देने लगता है, बल्कि हमारे अपने समाज और परिवेश के सत्य की- हमारे मध्यवर्गीय जीवनानुभव के दुरतिक्राम्य तथ्यों की भी गूँज उनमें सुनाई देने लगती है। बाँझ दुख की यह सत्ता, अकेली आकृतियों का यह जीवन-मरण हमें तब न विजातीय लगता है, न व्यक्तिवादी पलायन, न कलावादी जीवनद्रोह।

এই অডিঅ’বুকখনৰ মূল্যাংকন কৰক

আমাক আপোনাৰ মতামত জনাওক।

অডিঅ'বুক শুনাৰ নির্দেশাৱলী

স্মাৰ্টফ’ন আৰু টেবলেট
Android আৰু iPad/iPhoneৰ বাবে Google Play Books এপটো ইনষ্টল কৰক। ই স্বয়ংক্রিয়ভাৱে আপোনাৰ একাউণ্টৰ সৈতে ছিংক হয় আৰু আপুনি য'তে নাথাকক ত'তেই কোনো অডিঅ'বুক অনলাইন বা অফলাইনত শুনিবলৈ সুবিধা দিয়ে।
লেপটপ আৰু কম্পিউটাৰ
কম্পিউটাৰৰ ৱেব ব্রাউজাৰ ব্যৱহাৰ কৰি আপুনি Google Playত কিনা কিতাপসমূহ পঢ়িব পাৰে।