Kavlyanchi Shala

· Storyside IN · Multiple Narrators ଦ୍ଵାରା ବର୍ଣ୍ଣନା କରାଯାଇଛି
ଅଡିଓବୁକ୍
1 ଘ. 53 ମି.
ଅସଂକ୍ଷିପ୍ତ ଅଟେ
ଯୋଗ୍ୟ
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ଏହି ଅଡିଓବୁକ୍ ବିଷୟରେ

मुंबईतला एक तरुण - बाळ्या, पुण्यात त्याच्या मित्राकडे अभ्यासाला जातो. सीएच्या परिक्षेत तीनदा नापास झालेल्या आणि पुन्हा जोमानं अभ्यास करून पास होण्याची आशा बाळगलेल्या बाळ्याला, हवी ती शांतता मिळते का? कसला कोलाहल, गजबजाट आहे त्याच्या भोवती? ही फक्त त्याचीच कहाणी आहे की आपल्या सगळ्यांची? अखंड गजबजाटात अडकलेल्या बाळ्याच्या माध्यमातून तेंडुलकरांना काय सुचवायचं आहे? मानवी जीवनातल्या विसंगती नेमकेपणानं हेरणाऱ्या आणि त्यातून अदृश्य, अमूर्त असं काही तरी शोधणाऱ्या विजय तेंडुलकरांचं 'कावळ्यांची शाळा' हे नाटक, त्यांच्या अन्य नाटकांपेक्षा वेगळ्या बाजाचं आहे. परिस्थितीजन्य विनोद आणि माणसाच्या व्यक्तित्वाचे इरसाल नमुनेही या नाटकातून भेटीस येतात. ऐका, विजय तेंडुलकरलिखित आणि प्रतिमा कुलकर्णी यांनी दिग्दर्शित केलेलं नाटक - 'कावळ्यांची शाळा'

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