He Probashi

· Storyside IN · Korak Samanta की आवाज़ में
5.0
एक समीक्षा
ऑडियो बुक
1घंटा 31 मिनट
ज़्यादा शब्दों में
योग्य
रेटिंग और समीक्षाओं की पुष्टि नहीं हुई है  ज़्यादा जानें
क्या 4 मिनट के लिए आज़माने में आपकी दिलचस्पी है? कभी भी सुनें, चाहे आप ऑफ़लाइन ही क्यों न हों 
जोड़ें

इस ऑडियो बुक के बारे में जानकारी

সত্তর দশকের উত্তাল কলকাতা , দিনবদলের স্বপ্নে বিভোর যুব সম্প্রদায়, এরই মধ্যে রাজনৈতিক দলগুলো এবং অন্যান্য অনেক সংগঠন গুলো নিজেদের স্বার্থে ব্যবহার করতে চাইছে যুব সম্প্রদায়কে, ট্রাম পোড়ানো , স্কুল জ্বালানো সেইসময়ের রোজকার ঘটনা, এই সময়েরই এক যুবক বিল্ব। সবকিছুর মধ্যেও থেকেও সে যেন কিছুতেই নেই, প্রতিনিয়ত সে নিজেকে খুঁজে বেড়ায়,নিজেকে খুঁড়তে খুঁড়তে একসময় সে নিজেকে কোনোকিছুর মধ্যে আঁটাতে পারেনা, নিজ দেশে প্রবাসীর মতই বিল্ব নিজের কাছেও যেন অচেনা, অজানা এক প্রবাসীর মতো, সম্পর্কের ঘাত প্রতিঘাত পেরিয়ে বিল্ব কি পারবে নিজেকে খুঁজে পেতে , জানতে শুনুন সুনীল গঙ্গোপাধ্যায় রচিত 'হে প্রবাসী'

रेटिंग और समीक्षाएं

5.0
1 समीक्षा

इस ऑडियो बुक को रेटिंग दें

हमें अपनी राय बताएं.

जानकारी को सुनना

स्मार्टफ़ोन और टैबलेट
Android और iPad/iPhone के लिए Google Play किताबें ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करें. यह आपके खाते के साथ अपने आप सिंक हो जाता है और आपको कहीं भी ऑनलाइन या ऑफ़लाइन पढ़ने की सुविधा देता है.
लैपटॉप और कंप्यूटर
आप अपने कंप्‍यूटर के वेब ब्राउज़र का उपयोग करके Google Play पर खरीदी गईं पुस्‍तकें पढ़ सकते हैं.

Sunil Gangopadhyay की ओर से ज़्यादा

मिलती-जुलती ऑडियोबुक

Korak Samanta की आवाज़ में