बृजेश कुमार पटेल, सिरौली, जौनपुर, उत्तर प्रदेश से हैं। ये लेखक, विज्ञान संचारक और शिक्षक हैं। इनके 34 लेख भारत की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं, जैसे "विज्ञान प्रगति", "इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए", "विज्ञान संप्रेषण" आदि। 2015 और 2016 में इन्हें दो पुरस्कार मिले और कानपुर से एक प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ। इनका एक शोध पत्र बीएचयू से प्रकाशित हुआ और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। ये भारतीय विज्ञान कांग्रेस और मराठी विज्ञान परिषद, मुंबई के आजीवन सदस्य भी हैं।
बृजेश कुमार पटेल ने एक अनूठी किताब लिखी है, जो जादू-टोना, सोच-समझ और आत्म-सहायता पर केंद्रित है। इस पुस्तक में, ये जीवन के रहस्यमय पहलुओं और मानव मन की गहराईयों का अन्वेषण करते हैं। इन्होंने पाठकों को सशक्त बनाने और उनकी सोच को विस्तृत करने के लिए व्यावहारिक तरीके और विचार शामिल किए हैं। यह पुस्तक व्यक्तिगत विकास और आत्म-जागरूकता की यात्रा में मार्गदर्शक के रूप में काम करती है।