Agnipunj : Shaheed Chandrashekhar Azad Ki Krantikari Jeevan Katha (Best Of Rajkamal)

· Best Of Rajkamal წიგნი 67 · Storyside IN · მთხრობელი: Vikrant Chaturvedi
5,0
1 მიმოხილვა
აუდიოწიგნი
17 სთ, 8 წთ
შეუმოკლებელი
მისაღები
რეიტინგები და მიმოხილვები დაუდასტურებელია  შეიტყვეთ მეტი
გსურთ 4 წთ-იანი ნიმუში? მოუსმინეთ მას ნებისმიერ დროს, ხაზგარეშე რეჟიმშიც კი. 
დამატება

ამ აუდიოწიგნის შესახებ

अग्निपुंज: शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद असहयोग आन्दोलन गांधीजी का बिल्कुल अनूठा और नया प्रयोग था। असहयोग की लहर में पूरा देश बह गया था। एक 14 वर्षीय छात्र ने भी इसमें अपनी आहुति दी। चन्द्रशेखर नाम के इस किशोर ने अदालत में अपना नाम 'आज़ाद' बताया। तब से वह आज़ाद ही रहा। एक किशोर असहयोगी से भारतीय क्रान्तिकारी दल के अजेय सेनापति बनने तक की आज़ाद की महागाथा अत्यन्त रोमांचकारी है। वे बहुत गरीब और रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में जन्मे मगर विद्रोही व्यक्तित्व के कारण उससे जल्दी ही मुक्ति पा ली। शुरुआती दौर में वे असहयोगी बने लेकिन तेजी से छलाँग लगाकर क्रान्तिकारी पार्टी की सदस्यता ले ली और थोड़े ही समय बाद उसके 'कमांडर-इन-चीफ' नियुक्त हो गए। वे पुलिस की आँखों में लगातार धूल झोंककर बड़े करतब करते रहे। आज़ाद जीते-जी किंवदन्ती बन गए थे। जनता में वे बेहद लोकप्रिय थे। उन पर अनेक लोकगीत रचे और गाए गए। मगर आज़ाद की स्मृति-रक्षा के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए। उनका जन्मस्थान भावरा (मध्य प्रदेश) तथा पैतृक घर बदरका (उन्नाव) में आज भी उनकी यादों को सँजोए खामोश खड़ा है। उनकी माताजी श्रीमती जगरानी देवी ने स्वतन्त्र भारत में अपने अन्तिम दिन अत्यन्त दयनीय स्थितियों में गुजारे। हम उन्हें एक राष्ट्रीय शहीद की माँ का दर्जा और सम्मान नहीं दे पाए। आज आज़ाद का कोई क्रान्तिकारी साथी जीवित नहीं है। स्वतन्त्र भारत में उनके सारे साथियों की एक-एक कर मौत होती रही और किसी ने नहीं जाना। वे सब गुमनाम चले गए जिनके न रहने पर किसी ने आँसू नहीं बहाए, न कोई मातमी धुन बजी। किसी को पता ही न लगा कि ज़मीं उन आस्माओं को कब कहाँ निगल गई...

შეფასებები და მიმოხილვები

5,0
1 მიმოხილვა

ამ აუდიოწიგნის შეფასება

გვითხარით თქვენი აზრი.

ინფორმაცია მოსმენის შესახებ

სმარტფონები და ტაბლეტები
დააინსტალირეთ Google Play Books აპი Android და iPad/iPhone მოწყობილობებისთვის. ის ავტომატურად განახორციელებს სინქრონიზაციას თქვენს ანგარიშთან და საშუალებას მოგცემთ, წაიკითხოთ სასურველი კონტენტი ნებისმიერ ადგილას, როგორც ონლაინ, ისე ხაზგარეშე რეჟიმში.
ლეპტოპები და კომპიუტერები
შეგიძლიათ წაიკითხოთ Google Play-ზე შეძენილი წიგნები თქვენი კომპიუტერის ვებ ბრაუზერის გამოყენებით.

სერიის გაგრძელება

მსგავსი აუდიოწიგნები

მთხრობელი Vikrant Chaturvedi-ის მიერ