Adya Krantiveer Raje Umaji Naik

· Storyside IN · Om Verlekar की आवाज़ में
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1857 च्या स्वातंत्र्य लढ्यापूर्वीच ब्रिटीश राजवटीविरुद्ध पेटून उठणारी व्यक्ति म्हणजे उमाजी नाईक. देशभक्त, शूर व स्वाभिमानी अशा रामोशी समाजाला इंग्रजांनी जन्मजात गुन्हेगार कसे ठरविले याचे विदारक दर्शन या पुस्तकात घडते. राजे उमाजींची देशभक्ती, त्यांनी केलेल्या सैन्याच्या व्यूहरचना, इंग्रजांविरुद्ध केलेली आर्थिक व सैन्यबळाची जमवा जमव, अनेक शूर वीरांना देशाप्रती लढण्यासाठी कसे उभे केले याचे विवेचन प्रस्तुत पुस्तकात शरद माकर यांनी केले आहे.

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