Aankhi Thanthanpal

· Storyside IN · Girish Kulkarniৰ দ্বাৰা বর্ণিত
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जयवंत दळवींनी मराठी साहित्यात कथा, कादंबरी, प्रवासवर्णने आणि नाटके असे सर्व प्रकार हाताळले. मराठी साहित्य विश्वात त्यांचा सर्वत्र संचार होता. साहित्य क्षेत्रात घडणा-या घटना, साहित्यिकांचे स्वभाव, त्यांचे हेवेदावे तसेच वादविवाद यावर आपल्या मिश्किल स्वभावाने विनोद करत घणाघात करणारे सदर त्यांनी ठणठणपाळ या नावाने चालवले. अनेक वर्षे ठणठणपाळ कोण हे माहित नव्हते त्यामुळे साहित्यिकांमध्ये या सदराबद्दल खूपच कुतुहूल होते. साठ सत्तरीच्या दशकात मराठी साहित्यात अनेक प्रयोग घडत होते. तो काळ आजही डोळ्यासमोर उभा राहतो. आजही आणखी ठणठणपाळ ऐकताना मराठी साहित्य आणि साहित्यिकांबद्दल खुसखुशीत भाषेत माहिती मिळते.

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